The purpose of bringing this bill is to make the auction and allocation process of mines transparent and create a business-friendly environment.
Recently, on 19 March, the Mines and Minerals (Development and Regulation) Amendment Bill 2021 has been approved by the Lok Sabha. The purpose of bringing this bill is to make the auction and allocation process of mines transparent and create a business-friendly environment.
Replying to the discussion in the Lok Sabha on the Bill, Mines and Mines Minister Prahlad Joshi said that the Central Government does not want to take any rights of the States in Mines and Mining and all the money will be given to the States in this regard.
Union Minister Prasad Joshi says that these changes will help in generating employment opportunities and will allow the private sector with enhanced technology in mining activities. Also, 55 million direct and indirect jobs will be created by improving the mining sector.
According to Union Minister Prasad Joshi, India currently produces 95 minerals and has the same potential as South Africa and Australia but still imports minerals like gold and coal.
The Bill has been amended by the Mines and Minerals Act, 1957, and major reforms will be made in this area with solutions to heritage issues, which will make a large number of mines available for auction. This will help strengthen the auction-only system and increase transparency in the system.
(हाल ही में लोकसभा से 19 मार्च को, खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2021 को मंजूरी मिल गयी है | इस बिल को लाने का मकसद खदानों की नीलामी एवं आवंटन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना एवं कारोबार के अनुकूल माहौल तैयार करना है|)
(लोकसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए खान एवं खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि खान और खनन में केंद्र सरकार, राज्यों का कोई अधिकार नहीं लेना चाहती है और इस संबंध में सभी पैसा राज्यों को ही मिलेगा |)
(केंद्रीय मंत्री प्रशाद जोशी का कहना है कि इन बदलावों से रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी और खनन गतिविधियों में बढ़ी हुई तकनीक के साथ निजी क्षेत्र को अनुमति मिल सकेगी | साथ ही खनन क्षेत्र में सुधार से 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे |)
(केंद्रीय मंत्री प्रशाद जोशी के मुताबिक, वर्तमान में भारत 95 खनिजों का उत्पादन करता है और इसमें दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया की तरह ही क्षमता है लेकिन अभी भी सोने और कोयले जैसे खनिजों का आयात हो रहा है|)
(इस विधेयक में खान एवं खनिज अधिनियम, 1957 में संशोधन किया गया है और विरासत के मुद्दों में समाधान के साथ इस क्षेत्र में बड़े सुधार किए जाएंगे, जिससे बड़ी संख्या में खदानें नीलामी के लिए उपलब्ध हो जाएंगी | इससे नीलामी-केवल व्यवस्था को मजबूत करने और व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ाने में सहायता मिलेगी |)
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