After cancelling his Republic Day visit British Prime Minister Boris Johnson will now come to India at the end of April as part of efforts to boost UK opportunities in the Indo-Pacific region.
Recently Britain has reported that Prime Minister Boris Johnson will visit India in late April. Boris Johnson’s tour to India aims to explore more opportunities for the UK. At the same time, the main objective of the British Prime Minister’s visit is to stand against China in collaboration with India.
This will be Boris Johnson’s first international tour after Brexit. Earlier, he was scheduled to visit India as the chief guest on the occasion of Republic Day, but the trip was canceled due to Coronavirus. However, at that time he had said that he would come to India soon.
This visit of Boris Johnson is taking place at a time when India and Britain are constantly engaged in dialogue. Britain had invited Prime Minister Narendra Modi last month to attend the G7 conference to be held in June in the Cornwall region of the country.
There are differences between the UK and China on a number of issues, among them Hong Kong, the Covid-19 pandemic and the deprivation of Huawei from an active role in the UK’s 5G network, while military deployment in the South China Sea over the possible deployment of Queen Elizabeth aircraft carrier There is a possibility of growth.
British Prime Minister Boris Johnson will preside over the G-7 summit in June 2021. Which includes Britain, Canada, France, Germany, Italy, Japan and America. Prime Minister Narendra Modi is also expected to attend the G7 summit to be held in Cornwall in June, as Britain has invited India, South Korea and Australia as guest nations at this conference.
(हाल ही मे ब्रिटेन ने बताया है कि उनके प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अप्रैल के अंत में भारत के दौरे पर आएंगे | बोरिस जॉनसन के भारत दौरे का उद्देश्य यूके के लिए और अधिक अवसरों को तलाशना है | साथ ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत के साथ मिलकर चीन के खिलाफ खड़ा होना है |)
(ब्रेक्सिट के बाद बोरिस जॉनसन का यह पहला अंतरराष्ट्रीय दौरा होगा | इससे पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर भारत आना तय था, लेकिन कोरोना वायरस के चलते यात्रा को रद्द कर दिया था | हालांकि, तब उन्होंने जल्द ही भारत आने की बात कही थी |)
(बोरिस जॉनसन का ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत और ब्रिटेन लगातार संवाद में जुटे हैं | ब्रिटेन ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के कोर्नवाल क्षेत्र में जून में होने वाले जी 7 सम्मेलन में शरीक होने का न्योता दिया था|)
(यूके और चीन के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हैं, इनमें हांगकांग, कोविड-19 महामारी और हुआवेई को ब्रिटेन के 5जी नेटवर्क में सक्रिय भूमिका से वंचित करना प्रमुख हैं वहीं, क्वीन एलिजाबेथ विमान वाहक पोत की संभावित तैनाती से दक्षिण चीन सागर में सैन्य तनाव बढ़ने की आशंका है|)
(ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन जून 2021 में जी-7 देशों के शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे | जिसमें ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं | जून में कॉर्नवल में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भी शामिल होने की उम्मीद है क्यूकी ब्रिटेन ने इस सम्मेलन में भारत, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को अतिथि राष्ट्र के रूप में आमंत्रित किया है |)
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