✅ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (Foreign Exchange Management Act)
यह अधिनियम भारत में विदेशी मुद्रा लेन-देन के प्रशासन के लिये कानूनी ढाँचा प्रदान करता है।
FEMA जो कि 1 जून 2000 से प्रभावी हुआ, के तहत विदेशी मुद्रा से जुड़े सभी लेनदेन को पूंजी या चालू खाता लेनदेन के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
चालू खाता लेनदेन : एक निवासी द्वारा किये गए सभी लेनदेन जिनके कारण उसकी संपत्ति या देनदारियों (भारत के बाहर आकस्मिक देनदारियों सहित) में कोई परिवर्तन न हो, को चालू खाता लेनदेन के अंतर्गत रखा जाता है। उदाहरणार्थ- विदेशी व्यापार के संबंध में भुगतान, विदेश यात्रा, शिक्षा आदि के संबंध में व्यय।
पूंजी खाता लेनदेन: भारत के किसी निवासी द्वारा किये जाने वाले ऐसे लेनदेन जिससे भारत के बाहर उसकी संपत्ति या देनदारियों में परिवर्तन (या तो वृद्धि या कमी) हो। उदाहरणार्थ- विदेशी प्रतिभूतियों में निवेश, भारत के बाहर अचल संपत्ति का अधिग्रहण आदि।
निवासी भारतीय: ‘भारत में रहने वाले व्यक्ति’ को FEMA, 1999 की धारा 2 (V) में परिभाषित किया गया है, जिसके अंतर्गत –
कुछ अपवादों को छोड़कर, पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 182 दिनों से अधिक समय तक भारत में रहने वाला व्यक्ति।
भारत में पंजीकृत या निगमित कोई भी व्यक्ति या कॉर्पोरेट निकाय ।
भारत में एक कार्यालय, शाखा या एजेंसी जिसका स्वामित्व या नियंत्रण भारत से बाहर के किसी व्यक्ति के पास हो।
भारत के बाहर का कोई कार्यालय, शाखा या एजेंसी जिसका स्वामित्व या नियंत्रण भारत के किसी निवासी व्यक्ति द्वारा किया जाता हो।
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