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बिना कोचिंग के अंजलि शर्मा बनी असिस्टेंट प्रोफेसर प्राप्त की 3rd रैंक, जानिए सफलता का राज

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 राजस्थान के छोटे से जिले करौली के हिंडौन सिटी निवासी अंजलि शर्मा हाल ही घोषित असिटेंट प्रोफेसर में 3rd रैंक प्राप्त कर अपने माता -पिता व जिले का नाम रोशन किया है।

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC)  गृह विज्ञान फ्रूट एंड न्यूट्रिशन की परीक्षा में अंजली ने 3rd स्थान प्राप्त किया है, जो की राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा आयोजित करवाई जाती है। 

3rd रैंक होल्डर अंजलि शर्मा ने अपनी सफलता का राज बिना किसी कोचिंग की सहायता से प्रतिदिन 5 से 6 घंटे स्वयं के अध्ययन से प्राप्त की है। उन्होंने यह भी बताया की स्वयं की स्टडी के साथ – साथ आपका आत्म विश्वास भी मजबूत होना चाहिए। 
RPSC के रिजल्ट के बाद अंजलि शर्मा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनो के आशीर्वाद को भी दिया है। अंजलि के पिता राजेंद्र शर्मा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में कार्यरत है, और माता चंद्रकला गृहिणी है।
RPSC के रिजल्ट के बाद यह पल अंजलि शर्मा के परिवार के लिए बहुत ही गौरवमय है। अंजलि शर्मा बचपन से ही प्रतिभावान छात्रा रही है।

RPSC 3rd रैंक टोपर अंजलि शर्मा राजस्थान के महारानी कॉलेज में B.SC होम साइंस के अंदर 2nd रैंक और राजस्थान यूनिवर्सिटी के अंदर 4th रैंक प्राप्त की थी। 

अंजलि शर्मा के पिता सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि अंजलि ने इस सफलता के लिए अगस्त 2019 से ही अपनी स्टडी शुरू कर दी थी। और उसका ही नतीजा है की अंजलि शर्मा आज RPSC के रिजल्ट में 3rd रैंक हासिल कर पाई है।

 

अंजलि शर्मा ने सहायक आचार्य की 2020 की भर्ती में 2021 मे लिखित परीक्षा पास कर 11 अक्टूबर 2022 को साक्षात्कार में पास होकर, यह सफलता हासिल की है।अंजलि शर्मा ने यह भी बताया की इस सहायक आचार्य बनने की प्रेरणा महारानी कॉलेज की प्रोफेसर कविता कच्छावा से ली थी। प्रोफेसर कच्छावा भी वह बहुत कम उम्र में अच्छी रैंक के साथ प्रोफेसर बन गई थी।

अंजलि शर्मा ने प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी कर रहे युवाओ को विशेष सन्देश दिया है कि अपना लक्ष्य निर्धारित करने के बाद नियमित अध्ययन करे।
व अपने अध्ययन को एक्साम्स आने के साथ न करके नियमित रूप से अध्ययन करें उससे सफलता का रास्ता और भी आसान हो जायेगा। 

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