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विश्व मातृभाषा दिवस: जानें 21 फरवरी को क्यों मनाया जाता है मातृभाषा दिवस?

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 International Mother Language Day 2022: 21 फरवरी को प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है| इसका उद्देश्य भाषा विज्ञान के बारे में जागरूकता, सांस्कृतिक विविधता तथा बहुभाषावाद को बढ़ावा देना है|

विश्व मातृभाषा दिवस: जानें 21 फरवरी को क्यों मनाया जाता है मातृभाषा दिवस?

International Mother Language Day: यूनेस्को महासभा ने नवंबर 1999 में दुनिया भर की संकटग्रस्त भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए वर्ष 2000 से प्रति वर्ष 21 फ़रवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने की घोषणा की| 

इतिहास:-

21 फरवरी, 2000 के प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को मनाया जाता है| जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने 2008 को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा वर्ष घोषित करने हुए प्रस्ताव पारित किया| मातृभाषा दिवस को मनाने का विचार बांग्लादेश की पहल है| बांग्लादेश में 21 फरवरी को बांग्ला भाषा को स्वीकृति देने के लिए संघर्ष की वर्षगाँठ के रूप में मनाया जाता है|

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क्या है मातृभाषा?

मातृभाषा इंसान की पहचान होती है| अगर आपके पास अपनी मातृभाषा है तो समाज में यह समझा जाता है कि वैश्विक स्तर पर आपकी संस्कृति की एक पहचान है, एक वजूद है| हमारे पास अपने समाज में अपनी बात उठाने का एक सशक्त हथियार है| लेकिन कई बार लोग तथाकथित आधुनिकता के रंग में सभ्य और प्रगतिशील दिखने की चाह में अपनी मातृभाषा को सार्वजनिक स्थलों पर बोलने में शरमाते हैं जो बेहद अशोभनीय व्यवहार है|

भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 अनुसूचित भाषाओं को राज्यों की आधिकारिक भाषाओं के रूप में सूचीबद्ध किया गया है| राज्यों को अनुसूचित भाषाओं से अपनी आधिकारिक भाषा चुनने के लिए बाध्य नहीं किया गया है| संविधान के अनुसार संसदीय कार्यवाही हिंदी या अंग्रेजी में की जायेगी| संविधान व्यक्ति को अपनी मातृभाषा में स्वयं को व्यक्त करने की भी अनुमति देता है यदि व्यक्ति हिंदी या अंग्रेजी में व्यक्त करने में असमर्थ है। हालांकि, इसके लिए सदन के स्पीकर की अनुमति की आवश्यकता पडती है|

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