Books: शोधकर्ता और ‘मिशन नेताजी’ संगठन के संस्थापक चंद्रचूड़ घोष ने ‘बोस: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ एन इनकनवीनिएंट नेशनलिस्ट’ नामक किताब लिखी है|
हाल ही में, चंद्रचूर घोष द्वारा लिखित “बोस: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ एन इनकनविनिएंट नेशनलिस्ट (Bose: The Untold Story of An Inconvenient Nationalist)” नामक जीवनी फरवरी 2022 में लॉन्च करने की घोषणा की गयी है| पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया की वाइकिंग इम्प्रिंट के तहत प्रकाशित किताब का फरवरी में विमोचन होगा|
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर आधारित एक किताब उनसे जुड़ी कई अनकही कहानियों, घटनाओं और विभिन्न मुद्दों पर उनका दृष्टिकोण प्रस्तुत करेगी| इस किताब में स्वतंत्र भारत के विकास, सांप्रदायिकता की समस्या, भू-राजनीति पर नेताजी की सोच और उनकी राजनीतिक विचारधारा, कैसे उन्होंने राजनीतिक दलों, क्रांतिकारी संगठनों के साथ वार्ता की समेत कई मुद्दों पर एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया|
चंद्रचूर घोष ने कहा कि उनकी किताब ने बोस से जुड़ी उन धारणाओं को दूर करने प्रयास किया है कि वह भारत को आजाद कराने के अपने प्रयास में इतना डूबे हुए थे उन्होंने स्वतंत्र भारत के पुनर्निर्माण की समस्या पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया|
पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया के एक बयान में कहा गया, ‘किताब बंगाल, पंजाब, महाराष्ट्र और संयुक्त प्रांत में क्रांतिकारी समूहों के बीच बोस की गहन राजनीतिक गतिविधियों का विवरण है| बढ़ते सांप्रदायिक विभाजन को पाटने के उनके प्रयास और बिखरते राजनीतिक परिदृश्य के बीच उनका प्रभाव, महिलाओं को लेकर उनका दृष्टिकोण, अध्यात्म की गहराइयों में उतरने के उनके अनुभव, गुप्त अभियानों के लिए उनकी रुचि और भारतीय सशस्त्र बलों के बीच विद्रोह कराने के उनके प्रयास का भी जिक्र किया गया है|’
Recently, a biography titled “Bose: The Untold Story of an Inconvenient Nationalist” written by Chandrachur Ghosh has been announced to be launched in February 2022. The book, published under Viking Imprint of Penguin Random House India, will be released in February.
A book based on the life of Netaji Subhas Chandra Bose will present many untold stories, incidents and his perspective on various issues related to him. In this book, an attempt has been made to present a new perspective on many issues including the development of independent India, the problem of communalism, Netaji’s thinking on geopolitics and his political ideology, how he interacted with political parties, revolutionary organizations.
Chandrachur Ghosh said that his book tried to dispel the notions associated with Bose that he was so engrossed in his attempt to liberate India that he did not pay much attention to the problem of reconstruction of independent India.
A statement by Penguin Random House India said, “The book details Bose’s intense political activities among revolutionary groups in Bengal, Punjab, Maharashtra and the United Provinces.” His efforts to bridge the growing communal divide and his influence in the midst of a shattering political landscape, his outlook on women, his experiences of delving into the depths of spirituality, his penchant for covert operations and his attempt to instigate rebellion among the Indian Armed Forces. has also been mentioned.
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