In 1993, in the 11th session of the UNWGIP Working Group, after the recognition of the Indigenous Declaration Draft, 1994 was declared as the “Indigenous Year” and on 9 August as “Indigenous Day”.
International Day of the World Indigenous Peoples: World Tribal Day is celebrated every year on 9 August for the social, economic and judicial protection of the fundamental rights of tribals. For the first time, Indigenous Day was celebrated on 9 August 1994 in Geneva.
The word Adivasi is made up of two words ‘Adi’ and ‘Vasi’ which means ‘native’. There are about 700 tribal groups and sub-groups in India. There are about 80 ancient tribal castes among them. Tribals account for as much as 8.6% (10 crores) of India’s population.
In 1993, in the 11th session of the UNWGIP Working Group, on the recognition of the Indigenous Declaration Draft, 1994 was declared “Native Year” and 9 August as “Native Day”. Therefore, in order to provide rights to the indigenous people and to solve their problems, for the preservation of language, culture, history, on 9 August 1994, in the city of Geneva by the General Assembly of the United Nations, the world’s “First International Indigenous Day” conference was organized in the city of Geneva.
(प्रति वर्ष 9 अगस्त को आदिवासियों के मूलभूत अधिकारों की सामाजिक, आर्थिक और न्यायिक सुरक्षा के लिए विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है| पहली बार आदिवासी या मूलनिवासी दिवस 9 अगस्त 1994 को जेनेवा में मनाया गया था|)
(आदिवासी शब्द दो शब्दों ‘आदि’ और ‘वासी’ से मिल कर बना है जिसका अर्थ ‘मूल निवासी’ होता है| भारत में लगभग 700 आदिवासी समूह व उप-समूह हैं| इनमें लगभग 80 प्राचीन आदिवासी जातियां हैं| भारत की जनसंख्या का 8.6% (10 करोड़) जितना एक बड़ा हिस्सा आदिवासियों का है|)
(1993 में UNWGIP कार्य दल के 11 वें अधिवेशन में मूलनिवासी घोषणा प्रारूप को मान्यता मिलने पर 1994 को “मूलनिवासी वर्ष” व 9 अगस्त को “मूलनिवासी दिवस” घोषित किया| अतः मूलनिवासियों को हक अधिकार दिलाने और उनकी समस्याओं का निराकरण, भाषा, संस्कृति, इतिहास के संरक्षण के लिए UNO की महासभा द्वारा 9 अगस्त 1994 को जेनेवा शहर में विश्व के मूलनिवासी प्रतिनिधियों का विशाल एवं विश्व का “प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय मूलनिवासी दिवस” का सम्मेलन आयोजित किया गया|)
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