This department will ensure that the indigenous population of the state is provided with necessary assistance along with preserving their faith and traditions.
Recently, the Assam cabinet announced the creation of an independent department to protect and preserve the “faith, culture and traditions of the tribals and indigenous communities” of the state.
This department will ensure that the indigenous population of the state is provided with necessary assistance along with preserving their faith and traditions. Indigenous tribes like Bodo, Rabha, Mishing as well as others have their own religious beliefs and unique traditions, which have not yet received the necessary support for their preservation.
This department will work to balance the demographics of the region and protect the ancient civilization. This department will also ensure that the followers of all sects get the benefits of government services equally without any discrimination.
During the meeting, the cabinet agreed that financial and administrative reforms are necessary to ensure speedy implementation of various schemes of the government. It was decided that departmental committees headed by commissioners would be entitled to give their approval for projects of Rs 2 crore and less.
(हाल ही मे, असम मंत्रिमंडल ने राज्य के “जनजातियों और स्वदेशी समुदायों के विश्वास, संस्कृति और परंपराओं” की रक्षा और संरक्षण के लिए एक स्वतंत्र विभाग के निर्माण की घोषणा की|)
(यह विभाग सुनिश्चित करेगा कि राज्य कि स्वदेशी आबादी को उनकी आस्था और परंपराओं को संरक्षित करने के साथ-साथ उन्हें आवश्यक सहायता भी प्रदान की जाएगी| बोडो, राभा, मिशिंग जैसी स्वदेशी जनजातियों के साथ-साथ अन्य लोगों की अपनी धार्मिक मान्यताएं और अनूठी परंपराएं हैं, जिन्हें अब तक उनके संरक्षण के लिए आवश्यक समर्थन नहीं मिला है|)
(यह विभाग क्षेत्र की जनसांख्यिकी को संतुलित करने व प्राचीन सभ्यता की रक्षा का कार्य करेगा| यह विभाग यह भी सुनिश्चित करेगा कि बिना किसी भेदभाव के सभी पंथ के अनुयायियों को सरकारी सेवाओं का लाभ बराबर से मिले सके|)
(बैठक के दौरान कैबिनेट ने सहमति व्यक्त की कि सरकार की विभिन्न योजनाओं के त्वरित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय और प्रशासनिक सुधार आवश्यक हैं| यह निर्णय लिया गया कि आयुक्तों की अध्यक्षता वाली विभागीय समितियां 2 करोड़ और उससे कम की परियोजनाओं के लिए अपनी मंजूरी देने की हकदार होंगी|)
Leave a Reply