✅ ‘सौभाग्य योजना
केंद्र सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना ‘सौभाग्य’ (Pradhan Mantri Sahaj Bijli Har Ghar Yojana ‘Saubhagya’) ने अपनी निर्धारित समय सीमा समाप्त कर ली है, परंतु बिजली मंत्रालय द्वारा के एक अनुमान के मुताब़िक देश में अभी भी 1.5 लाख घर ऐसे हैं जहाँ बिजली कनेक्शन नहीं पहुँचा है।
⏩ सौभाग्य योजना:
सौभाग्य योजना का शुभारंभ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण सुनिश्चित करने के लिये किया गया था।
इस योजना के तहत केंद्र सरकार से 60% अनुदान राज्यों को दिया गया, जबकि राज्यों ने अपने कोष से 10% धन खर्च किया और शेष 30% राशि बैंकों ने बतौर ऋण के रूप में प्रदान की।
विशेष राज्यों के लिये केंद्र सरकार द्वारा योजना का 85% अनुदान दिया गया, जबकि राज्यों को अपने पास से केवल 5% धन ही लगाना था और शेष 10% राशि बैंकों ने बतौर ऋण के रूप में प्रदान की।
ऐसे सभी चार करोड़ निर्धन परिवारों को बिजली कनेक्शन प्रदान किया गया जिनके पास उस वक्त कनेक्शन नहीं था।
इस योजना का लाभ गाँव के साथ-साथ शहर के लोगों को भी प्रदान किया गया।
केंद्र सरकार द्वारा बैटरी सहित 200 से 300 वाट क्षमता का सोलर पावर पैक दिया गया, जिसमें हर घर के लिये 5 LED बल्ब, एक पंखा भी शामिल था।
बिजली के इन उपकरणों की देख-रेख 5 सालों तक सरकार अपने खर्च पर करेगी।
बिजली कनेक्शन के लिये 2011 की सामाजिक, आर्थिक और जातीय जनगणना को आधार माना गया था। जो लोग इस जनगणना में शामिल नहीं थे, उन्हें 500 रुपए में कनेक्शन दिया गया और इसे 10 किश्तों में वसूला जाएगा।
सभी घरों को बिजली पहुँचाने के लिये प्री-पेड मॉडल अपनाया गया था।
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