✅ Thai Nuad (Thai Massage) joins UNESCO heritage list | यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल हुई थाई नुअद (थाई मसाज)

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✅ Thai Nuad (Thai Massage) joins UNESCO heritage list ✅ 
    यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल हुई थाई नुअद (थाई मसाज)

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🎲 Thailand’s more than 2000 years old and famous massage (Thai Massage) Thai Nuad was included in UNESCO’s (UN Educational, Scientific and Cultural Organization) prestigious heritage list. Nuad Thai is an intensive type of massage in which the body muscles are pulled and rotated well with the help of the thumb, elbow, knees and feet. Thai massage originated in India and was taken to Thailand by doctors and monks around 2,500 years ago, after which it became an identity there.


थाईलैंड की 2000 साल से भी अधिक प्राचीन और प्रसिद्ध मालिश (थाई मसाज) थाई नुअद को, यूनेस्को की (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन) की प्रतिष्ठित विरासत सूची में शामिल किया गया। नुअद थाई मालिश का एक गहन प्रकार है जिसमें शरीर को अंगूठे, कोहनी, घुटनों और पैरों की मदद से अच्छी तरह से शरीर मासपेशियों को खींचा और घुमाया जाता है। थाई मालिश की शुरुआत भारत में हुई और इसे लगभग 2,500 साल पहले डॉक्टरों और भिक्षुओं द्वारा थाईलैंड में ले जाया गया था, जिसके बाद से ये वहां की एक पहचान बन गई।


🎴 Formation of UNESCO: 4 November 1946   – यूनेस्को का गठन: 4 नवंबर 1946
🎴 UNESCO Headquarters: Paris, France – यनेस्को का मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस
🎴 UNESCO Director General: Audrey Azolay – यनेस्को महानिदेशक: ऑड्रे अज़ोले

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