🌺 Sri Lanka separated from the United Nations Rights Resolution 🌺
श्रीलंका संयुक्त राष्ट्र के अधिकार प्रस्ताव से हुआ अलग
The Government of Sri Lanka formally informed the United Nations that it was dissociating itself from the UNHRC (United Nations Human Rights Council) resolution investigating war crimes allegedly committed. This case was about a decades-old conflict with the Tamil separatists.
(श्रीलंका की सरकार ने संयुक्त राष्ट्र को औपचारिक रूप से सूचित किया कि वह कथित तौर पर किये गए युद्ध अपराधों की जांच के UNHRC (संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद) प्रस्ताव से खुद को अलग कर रहा है। ये मामला तमिल अलगाववादियों के साथ दशकों तक चले पुराने संघर्ष का था।)
The 40/1 proposal of UNHRC was co-sponsored by Sri Lanka and 11 other countries. The main objective of this proposal was to investigate the wartime violence against the Tamil Tiger rebels. The Tamil rebels were demanding a separate country. They were claiming that they are ethnically Tamil minorities and therefore should have a separate country for them.
(UNHRC का प्रस्ताव 40/1, श्रीलंका और 11 अन्य देशों द्वारा सह-प्रायोजित था। इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य तमिल टाइगर विद्रोहियों के खिलाफ युद्ध के समय की गई हिंसा की जांच करना था। तमिल विद्रोहियों अलग देश की मांग कर रहे थे। वे दावा कर रहे थे कि वे जातीय तौर पर तमिल अल्पसंख्यक है और इसलिए उनके लिए अलग देश होना चाहिए हैं।)
श्रीलंका की मुद्रा: श्रीलंकन रुपया.
श्रीलंका के राष्ट्रपति: गोतबाया राजपक्षे.
श्रीलंका के प्रधानमंत्री: महिंदा राजपक्षे.
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