❤️ कांसा धातु व पीतल धातु से उत्पन्न ध्वनि सूक्ष्म ध्वनि तरंगे इलेक्ट्रो मैग्नेटिक ऊर्जा पैदा करती हैं जिनका मान गीगा हर्ट्ज GHZ व टेरा हर्ट्ज THZ तक पहुंचता है, जब हम किसी कांसे के बर्तन को निर्धारित चोट से कम व ज्यादा जोर से बजाते हैं तो ध्वनि तरंगे कम से अधिकतम मोड में प्रवेश करती हैं, जो एक EM या इलेक्ट्रो मेगेनेटिक ऊर्जा क्षेत्र पैदा करती हैं, जिस क्षेत्र के सम्पर्क में आने से वायरस या विषाणु कम्म्प्न महसूस करता है, कोरोना वायरस की बाहरी मेम्ब्रेन बहुत ही कमजोर है जिससे इसे द्विपक्षीय ध्रुवीय क्षेत्र यानी dipole में आते ही वायरस का न्यूक्लियस टूटने लगता है तथा ये निष्क्रियता की तरफ बढ़ जाती है।
ज्ञात रहे कि 5 बजे के सायें समय में हमारे सनातन में पूजन व ध्वनि गर्जन घण्टा गर्जन, व शंखनाद किया जाता था, मृत्यु के समय प्राणी के घर पर शंखनाद किया जाता है, जिसका सीधा सीधा अर्थ जीवाणुओं का निष्क्रियकर्ण है।
माइक्रोवेव थ्रेसहोल्ड एनर्जी कम्म्प्न जो कांसे के बर्तन को कम से तीव्रता की तरफ बजाते हुए पैदा की जाती है, इसी प्रकार शंख ध्वनि भी तीव्र थ्रेसहोल्ड पर बजा कर उच्च माइक्रोवेव तरंगे पैदा करती हैं जो कम्म्प्न करके वायरस के आउटर सेल यानी बाहरी कवर को माइक्रो वेव इलेक्ट्रो मेगेनेटिक किरणों से थररथर्राहट से तोड़ देती है
जनहित में जारी
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