संयुक्त अरब अमीरात ने अपना पहला मार्स मिशन “Hope” किया लांच
“Hope” has launched its first “Mars” mission by the United Arab Emirates. With the help of this mission, the UAE aims to provide complete information about the Martian environment by studying daily and changing seasonal conditions for the first time. Japan’s Tanegashima Space Center is expected to enter Mars orbit by February 2021, after a seven-month voyage of unmanned “Hope” Mars mission launched to the red planet at 1:58 am (UAE time). It is also the 50th anniversary of the integration of the Emirates alliance.
(संयुक्त अरब अमीरात द्वारा अपना पहला “मंगल” मिशन “Hope” लॉन्च किया गया है। इस मिशन की मदद से, यूएई का लक्ष्य पहली बार दैनिक और बदलते मौसमी हालातों का अध्ययन करते हुए मार्टियन वातावरण की पूरी जानकारी उपलब्ध कराना है। जापान के तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से 1:58 बजे (यूएई समयानुसार) लाल ग्रह के लिए लॉन्च किए गए मानव रहित “होप” मंगल मिशन के सात महीनों की यात्रा के बाद फरवरी 2021 तक मंगल की कक्षा में प्रवेश करने की उम्मीद है, जो सात अमीरात के गठबंधन यानी यूएई के एकीकरण की 50वीं वर्षगांठ भी है।)
Further travel to the “Hope” mission will be tracked by the Mohammed bin Rashid Space Center (MBRSC) of Dubai.
(“होप” मिशन की आगे की यात्रा दुबई के मोहम्मद बिन राशिद अंतरिक्ष केंद्र (MBRSC) द्वारा ट्रैक की जाएगी।)
Three different instruments, an imager and two spectrometers, have been installed in Hope. The “imager” will send detailed images of the planet’s surface, while the trio together provide data to tell scientists what metals are in Mars’ atmosphere. Hope will not land on this red planet, but will instead orbit it for the entire Martian year or 687 days.
(होप में तीन अलग-अलग उपकरण एक इमेजर और दो स्पेक्ट्रोमीटर लगाए गए हैं। “इमेजर” ग्रह की सतह की डिटेल तस्वीरों भेजेगा, जबकि तीनों मिलकर वैज्ञानिकों को यह बताने के लिए डेटा प्रदान करेंगे कि मंगल के वातावरण में कौन-सी धातु हैं। होप, इस लाल ग्रह पर नहीं उतरेगा, बल्कि इसके बजाए इसे पूरे मार्टियन वर्ष या 687 दिनों तक इसकी परिक्रमा करेगा।)
The “Hope” mission sent to “Mars”, also known as the Emirates Mars Mission, cost $ 200 million and is the UAE’s first foreign investment. With this launch, the UAE is also aiming to build a human settlement on Mars within the next 100 years.
(“मंगल” के लिए भेजे गए “होप” मिशन, को एमिरेट्स मार्स मिशन के नाम से भी जाना जाता है, इसकी लागत 200 मिलियन डॉलर है और यह यूएई का पहला विदेशी निवेश है। इस लॉन्च के साथ, यूएई अगले 100 वर्षों के अन्दर मंगल ग्रह पर मानव बस्ती बनाने का लक्ष्य भी बना रहा है।)
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