Renowned Sanskrit scholar, Vidyavachaspati Bananjaya Govindacharya
Govindacharya was awarded the Padma Shri in 2009. |
Recently, the famous Sanskrit scholar and Kannada poet Bannanjaya Govindacharya of Karnataka died in Udupi on Sunday at the age of 84. He was proficient in Veda Bhasya, Upanishad Bhasya, Mahabharata, Ramayana and Puranas and wrote commentaries on the Vedas, Upanishads, Shata Rudriya, Brahmasutra Bhasya and Gita Bhasya.
(हाल ही मे, कर्नाटक के प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान और कन्नड़ कवि बन्नंजय गोविंदाचार्य का 84 वर्ष की आयु में रविवार को उडुपी में निधन हो गया | वे वेद भाष्य, उपनिषद भाष्य, महाभारत, रामायण और पुराणों में पारंगत थे और उन्होंने वेद सूक्तों, उपनिषदों, शत रुद्रिया, ब्रह्मसूत्र भाष्य और गीता भाष्य पर भाष्य लिखे थे।)
Govindacharya was born on August 3, 1936, about 400 km from Udupi, Bengaluru. He has written about 150 books in his name and about 4,000 pages of Sanskrit grammar.
(गोविंदाचार्य का जन्म उडुपी, बैंगलुरू से करीब 400 किमी की दूरी पर 3 अगस्त, 1936 को हुआ था उन्होंने अपने नाम से करीब 150 पुस्तकें और संस्कृत व्याकरण के करीब 4,000 पृष्ठ लिखे है |)
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