Madhya Pradesh and Uttar Pradesh CMs sign MoU for Ken-Betwa Link Project.
Recently on the occasion of World Water Day, the governments of Uttar Pradesh and Madhya Pradesh have signed an agreement with the Union Ministry of Water Power to implement the Ken-Betwa River Interlinking Project.
The main objective of the Ken-Betwa River Interlinking Project is to transport water from surplus areas through rivers to drought-prone areas and water-scarce areas.
The Prime Minister said that this project will change the fate of Bundelkhand. This will quench thirst as well as development. The Chief Ministers of both the states have not only signed the paper today but have given a new look to the fate of Bundelkhand.
Jal Shakti Abhiyan ‘Catch the Rain “was launched in a program organized through video conferencing due to Corona. During this time, the Prime Minister said that the former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee dreamed in the interest of millions of families of Uttar Pradesh and Madhya Pradesh. It was a compromise today to make it come true.
Key Point
- Under this project, the surplus water will be transferred from the Cane river in the Panna district in Madhya Pradesh to the Betwa river in Uttar Pradesh.
- In this project, water will be transferred through the construction of the Dhaudan Dam and a 221 km long canal.
- The Ken-Betwa link project will provide Uttar Pradesh with 2.51 lakh hectares, annual irrigation of 1,700 million cubic meters (MCM) of water and drinking water supply to about 62 lakh people and also produce 103 MW of hydroelectricity.
(हाल ही मे विश्व जल दिवस के अवसर पर, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारों ने केन-बेतवा नदी इंटरलिंकिंग परियोजना को लागू करने के लिए केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए है |)
(केन-बेतवा नदी इंटरलिंकिंग परियोजना का मुख्य उद्देश्य नदियों के माध्यम से अधिशेष क्षेत्रों से सूखाग्रस्त क्षेत्रों और जल-दुर्लभ क्षेत्र तक पानी पहुंचाना|)
(प्रधानमंत्री ने कहा कि यह परियोजना बुंदेलखंड का भाग्य बदलेगी| इससे प्यास भी बुझेगी और विकास भी होगा| दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने आज सिर्फ कागज पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, बल्कि बुंदेलखंड की भाग्यरेखा को नया रंग-रूप दिया है|)
(कोरोना के कारण वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में जल शक्ति अभियान ‘कैच द रैन” की शुरुआत की गई| इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लाखों परिवारों के हित में जो सपना देखा था, उसे साकार करने के लिए आज समझौता हुआ है|)
मुख्य बिंदु
- इस परियोजना के तहत अधिशेष जल मध्य प्रदेश में पन्ना जिले में केन नदी से उत्तर प्रदेश में बेतवा नदी में स्थानांतरित किया जाएगा|
- इस परियोजना मे धौदन बांध और 221 किलोमीटर लंबी नहर के निर्माण के माध्यम से पानी को स्थानांतरित किया जाएगा|
- केन-बेतवा लिंक परियोजना उत्तर प्रदेश को 2.51 लाख हेक्टेयर, 1,700 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी की वार्षिक सिंचाई और लगभग 62 लाख लोगों को पेयजल आपूर्ति प्रदान करेगी और साथ ही 103 मेगावाट जलविद्यु का भी उत्पादन होगा|
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