Chhath Puja 2021: छठ पर्व में 36 घंटे निर्जला व्रत रख सूर्य देव और छठी मैया की पूजा और उन्हें अर्घ्य दिया जाता है| ऐसा माना जाता है कि छठ पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती हैं|
Chhath Puja 2021: प्रति वर्ष छठ पर्व कार्तिक शुक्ल षष्ठी को आती है| इस बार छठ पर्व 10 नवंबर को मनाई जा रही है| यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है|
छठ पर्व में 36 घंटे निर्जला व्रत रख सूर्य देव और छठी मैया की पूजा और उन्हें अर्घ्य दिया जाता है| ऐसा माना जाता है कि छठ पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती हैं| इस व्रत को संतानों के लिए रखा जाता है| ऐसी मान्यता हैं कि जो लोग संतान सुख से वंचित हैं उनके लिए ये व्रत वरदान साबित होता है| जानिए छठ पर्व की पूजा विधि, सामग्री, प्रसाद, कथा और आरती|
- छठ पूजा: संध्या अर्घ्य – सूर्यास्त का समय : 05:30 PM
- प्रात:काल अर्घ्य – सूर्योदय का समय : 06:41 AM
छठ पूजा सामग्री: बांस की दो बड़ी टोकरी, थाली, पत्ते लगे गन्ने, दूध, जल, चावल, सिंदूर, दीपक, धूप, पानी वाला नारियल, अदरक का हरा पौधा, नाशपाती, शकरकंदी, हल्दी, मूली, मीठा नींबू, शरीफा, केला, कुमकुम, चंदन, सुथनी, पान, सुपारी, शहद, अगरबत्ती, धूप बत्ती, कपूर, मिठाई, गुड़, चावल का आटा, गेहूं|
छठ पूजा विधि: छठ पर्व के दिन प्रात:काल स्नानादि के बाद संकल्प लेते समय इस मन्त्र का उच्चारण किया जाता है-
ॐ अद्य अमुक गोत्रो अमुक नामाहं मम सर्व पापनक्षयपूर्वक शरीरारोग्यार्थ श्री सूर्यनारायणदेवप्रसन्नार्थ श्री सूर्यषष्ठीव्रत करिष्ये।
Read In English- Chhath Puja 2021
पूरे दिन निराहार और निर्जला व्रत रखा जाता है। फिर शाम के समय नदी या तालाब में जाकर स्नान किया जाता है और सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है|
छठ पूजा का महत्व: इस पर्व में सूर्य देव के साथ-साथ छठी मैया की भी पूजा होती है| ऐसा माना जाता है कि छठी मैया संतानों की रक्षा करती हैं और उन्हें दीर्घायु प्रदान करती हैं| पारिवारिक सुख-समृद्धि और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए ये पर्व मनाया जाता है|
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