Mahaparinirvan Diwas 2021: संविधान निर्माण में बाबा भीम राव अंबेडकर का बहुत महत्वपूर्ण योगदान था| उनके इस योगदान को देखते हुये अंबेडकर को भारत के संविधान का जनक कहा जाता है|
Mahaparinirvan Diwas 2021: प्रति वर्ष 6 दिसंबर को डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की पुण्यतिथि के दिन महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है| बाबासाहेब अंबेडकर का निधन 6 दिसंबर 1956 को हुआ था| इस दिन हर साल, लाखों लोग मुंबई में भीमराव अंबेडकर की समाधि पर आते हैं| जिसे चैत्य भूमि भी कहा जाता है|
संविधान निर्माण में बाबा भीम राव अंबेडकर का बहुत महत्वपूर्ण योगदान था| बाबा भीमराव अंबेडकर को अपने जीवन में भेदभाव का सामना करना पड़ा था| वो जीवन भर समाज की कुरीति से लड़ते रहे|
क्या है परिनिर्वाण?
परिनिर्वाण बौद्ध धर्म के प्रमुख सिद्धांतों और लक्ष्यों में से एक है| इसका वस्तुत: मतलब ‘मौत के बाद निर्वाण’ है| बौद्ध धर्म के मुताबिक, जो निर्वाण प्राप्त करता है वह संसारिक इच्छाओं और जीवन की पीड़ा से मुक्त होगा और वह जीवन चक्र से मुक्त होगा अर्थात वह बार-बार जन्म नहीं लेगा|
डॉ.भीमराव अंबेडकर ने बरसों तक बौद्ध धर्म का अध्ययन किया था| उसके बाद 14 अक्टूबर, 1956 को बौद्ध धर्म अपनाया| उनके साथ उनके लगभग 5 लाख समर्थको ने भी बौद्ध धर्म अपनाया|
संविधान निर्माण में बाबा भीम राव अंबेडकर का बहुत महत्वपूर्ण योगदान था| उनके इस योगदान को देखते हुये अंबेडकर को भारत के संविधान का जनक कहा जाता है| वे स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री थे और उन्हें भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार के रूप में माना जाता है|
डॉ.भीमराव अंबेडकर ने वर्ष 1916 में कोलंबिया विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय थे| वर्ष 1990 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था|
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