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आत्मनिर्भरता के लिए भारतीय रक्षा मंत्रालय ने हथियारों के उत्पादन के लिए 1700 करोड़ से अधिक का सौदा किया

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 भारतीय रक्षा मंत्रालय (MoD) ने ब्राह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (BAPL) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है, जो की 1,700 करोड़ रुपये से अधिक है, यह समझौता अगली पीढ़ी के तटीय कोष्टकों (लॉन्ग रेंज) (NGMMCB-LR) और ब्राह्मोस मिसाइलों की खरीद व उत्पादन के लिए किया गया है जो भारतीय श्रेणी (खरीद) में आता है।

भारत का सबसे अग्रगण्य ब्राह्मोस मिसाइलों से लैस एनजीएमएमसीबी की वितरण की उम्मीद 2027 में है और ये भारतीय नौसेना की क्षमता को बहुदिशीय तटीय हमलों की विस्तृत क्षमता प्रदान किया जाना है। 

ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) क्या है?

भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, ब्राह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड (BAPL) भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम है जो अधिक दूरी वाले अगली पीढ़ी के सतह-से-सतह मिसाइल के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका पर काम करता है।

भारत और रूस के बीच साझेदारी ने भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए और उसकी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इस अनुबंध का प्रमुख महत्व क्या है?

इस समझौते से घातक हथियार सिस्टम और गोलाबारूद के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ देशी उद्योगों की सक्रिय भागीदारी से भी समृद्ध होगा।

रक्षा मंत्रालय ने इस परियोजना के तहत यह भी बताया है कि इससे चार वर्षों के अवधि में 90,000 से अधिक मन-दिनों की रोजगार के निर्माण की उम्मीद है।

  देशी निर्माताओं से अधिकतम उपकरण और उप-सिस्टमों का उपयोग करने के साथ, ये सिस्टम “आत्मनिर्भर भारत” की एक प्रतीक के रूप में काम करेंगे जो एक स्वावलंबी भारत का संकेत होगा। 

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